क्या है बुल्ली बाई एप, जहां नीलाम हो रही थीं मुस्लिम लड़कियां…जानिए

मुस्लिम महिलाओं को अपमानित करने और उनको डराने की नियत से बनाए गए ‘बुल्ली बाई एप’ के मुख्य क्रिएटर को दिल्ली पुलिस, स्पेशल सेल की आईएफएसओ (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑप्स) यूनिट ने असम से गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि नीरज ही बुल्ली बाई एप का मास्टरमाइंड है। उसने ही गिटहब पर बुल्ली बाई एप को बनाया था। इसके बाद इसको प्रमोट करने के लिए ट्वीटर पर ‘बुल्ली बाई अंडर स्कोर’ नाम से ट्विटर अकाउंट बनाया। बाद में इसे सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा शेयर कर दिया गया। इसके पास से मिले मोबाइल और लैपटॉप से इसकी पुष्टि हो गई है।

जानिए क्या है ‘बुल्ली बाई’ ऐप विवाद?

    • बुल्ली बाई(Bulli Bai App) लोगों को बरगलाने और वित्तीय लाभ कमाने के लिए देश भर में एक संदिग्ध समूह (उनमें से अधिकांश की पहचान अभी बाकी है) द्वारा विकसित एक एप है।
    • एप को बनाने के पीछे का मकसद भारतीय महिलाओं (ज्यादातर मुस्लिम) की नीलामी के लिए रखना और बदले में पैसा कमाना है।
    • ‘बुल्ली बाई’ एप माइक्रोसॉफ्ट के मालिकाना हक वाली ओपन सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट साइट GitHub पर बनाया गया था।
    • बुल्ली बाई जैसी घटनाओं में, साइबर अपराधी इंटरनेट से लोकप्रिय महिलाओं, सेलेब्स, प्रभावशाली लोगों, पत्रकारों आदि की तस्वीरें लेते हैं और उनका उपयोग अपने वित्तीय लाभ के लिए करते हैं।
    • ये ऑनलाइन स्कैमर्स सोशल मीडिया अकाउंट से इन महिलाओं की तस्वीरें चुराते हैं और उन्हें प्लेटफॉर्म पर लिस्ट कर देते हैं। इसलिए इन महिलाओं को हमेशा अपनी प्रोफाइल को लॉक करके रखना चाहिए या अपनी प्रोफाइल को प्राइवेट रखना चाहिए।
  • एप पर प्रोफाइल में पीड़ितों की फोटो और दूसरे पर्सनल डिटेल शामिल थे, जो महिलाओं की सहमति के बिना बनाई गई और शेयर किए जा रहे थे।
  • ट्विटर पर बुल्ली बाई एप से कई पोस्ट शेयर होने के तुरंत बाद, सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ऐसे अपमानजनक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश दिया।
 21 साल का मुख्य साजिशकर्ता शिकंजे में आया
असम पुलिस ने दिल्ली पुलिस द्वारा सूचना साझा किए जाने के कुछ घंटों के भीतर बुल्ली बाई मामले में बुधवार शाम को जोरहाट से चौथे आरोपी का पता लगा लिया। पुलिस ने कहा कि 21 वर्षीय नीरज बिश्नोई इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता है और उसे ऐप में कथित संलिप्तता के लिए गुरुवार सुबह गिरफ्तार किया गया था, जिसमें सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं को नीलामी के लिए सूचीबद्ध किया गया था।

करीब 12 घंटे में ऑपरेशन खत्म
असम पुलिस के अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि दिल्ली पुलिस इस मामले में हमारे साथ कोऑर्डिनेट कर रही है। उनकी टीम बुधवार सुबह यहां पहुंची और शाम तक हमने आरोपी का पता लगा लिया। यहां करीब 12 घंटे में ऑपरेशन खत्म हो गया। अधिकारी ने कहा कि मुंबई पुलिस जो मामले की जांच भी कर रही है, उसने आरोपी के संबंध में जोरहाट में पुलिस से संपर्क नहीं किया था।

भोपाल  में पढ़ता है नीरज बिश्नोई 
पुलिस ने कहा कि जोरहाट निवासी बिश्नोई भोपाल में पढ़ता है और गिटहब पर बुल्ली बाई ऐप का निर्माता होने के साथ-साथ बुल्ली बाई का मुख्य ट्विटर अकाउंट धारक भी है। उसे दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट ने गिरफ्तार किया था। उसे आगे की जांच के लिए दोपहर में जोरहाट से दिल्ली ले जाया गया। भोपाल में एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि बिश्नोई प्रदेश की राजधानी के वीआईटी कॉलेज में पढ़ता है। कॉलेज का परिसर यहां से 100 किमी. दूर स्थित सिहोर जिले में है। कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि बिश्नोई यहां द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा है और काफी होशियार छात्र है। हालांकि कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के चलते वह अब तक ऑनलाइन कक्षाएं ही लेता रहा है।

बुल्ली बाई एप मामले में बड़ी कार्रवाई
इससे पहले बुल्ली बाई एप मामले में दो छात्रों को हिरासत में लिया गया था जिनमें एक मुंबई का और एक बेंगलुरु का रहने वाला है। इसके अतिरिक्त, इससे पहले मंगलवार को इस मामले में उत्तराखंड की एक महिला को भी गिरफ्तार किया गया था।

गिरफ्तार महिला का नेपाल कनेक्शन
Bulli Bai एप मामले में मुंबई पुलिस ने उत्तराखंड की रहने वाली 18 साल की युवती को उधम सिंह नगर जिले से गिरफ्तार किया था। इस मामले में अब एक अहम खुलासा हुआ है। सूत्रों की माने तो आरोपी युवती श्वेता सिंह कथित तौर पर नेपाल में स्थित एक सोशल मीडिया के मित्र के निर्देश पर काम कर रही थी। सूत्रों के अनुसार श्वेता सिंह से मिली प्राथमिक जानकारी से पता चला है कि जियाउ नाम का एक नेपाली नागरिक एप पर उसे निर्देशित कर रहा था। मुंबई पुलिस के अधिकारियों ने मास्टरमाइंड श्वेता सिंह के लिए 5 जनवरी तक ट्रांजिट रिमांड की मांग की थी।

‘बुल्ली बाई’ एप को गिटहब पर बनाया गया था, जानें क्या है Github
‘बुल्ली बाई’ एप को गिटहब पर बनाया गया है। यह एक होस्टिंग प्लेटफॉर्म है जहां पर ओपन सोर्स कोड का भंडार रहता है, लेकिन अब गिटहब और इस पर बनाए जा रहे ऐसे एप्स को लेकर लोगों में जबरदस्त आक्रोश है।

गिटहब ने किया यूजर को ब्लॉक
सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बुल्ली बाई एप यूजर को गिटहब द्वारा ब्लॉक कर दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि गिटहब की ओर से खुद रविवार सुबह यूजर को ब्लॉक करने सूचना दी गई है।

सुल्ली डील क्या है?
सुल्ली महिलाओं के खिलाफ इस्तेमाल किया जाने वाला अपमानजनक शब्द है। चार जुलाई, 2021 को ट्विटर पर सुल्ली डील्स के नाम से कई स्क्रीनशॉट साझा किए गए थे। इस एप में एक टैग लाइन लगी थी, ‘सुल्ली डील ऑफ द डे’ और इसे मुस्लिम महिलाओं की फोटो के साथ शेयर किया जा रहा था। खास बात यह निकलकर आई कि इसे गिटहब पर एक अज्ञात समूह द्वारा बनाया गया था।

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